Friday, 13 April 2018

सूर्य नमस्कार मंत्र

॥ ॐ ध्येयः सदा सवित्र मण्डल मध्यवर्ती नारायण सरसिजा सनसन्नि विष्टः
केयूरवान मकरकुण्डलवान किरीटी हारी हिरण्मय वपुर धृतशंख चक्रः ॥
ॐ मित्राय नमः।
ॐ रवये नमः।
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ खगाय नमः।
ॐ पुषणे नमः।
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
ॐ मरीचये नमः।
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ सवित्रे नमः।
ॐ अर्काय नमः।
ॐ भास्कराय नमः।
ॐ श्रीसवित्रसूर्यनारायणाय नमः।
॥ आदित्यस्य नमस्कारन् ये कुर्वन्ति दिने दिने
आयुः प्रज्ञा बलम् वीर्यम् तेजस्तेशान् च जायते ॥

भोजन मंत्र

ॐ ब्रह्मार्पणं ब्रह्मा हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणाहुतं
ब्रह्मैव तेना गन्तव्यंब्रह्म कर्म समाधिना
ॐ सहनाववतुसहनौ भुनक्तु
सहवीर्यं करवावहैतेजस्विनावधीतमस्तुमा विद्विषा वहै
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः

एकात्मता मंत्र

यं वैदिका मन्त्रदृशः पुराणाः इन्द्रं यमं मातरिश्वा नमाहुः।
वेदान्तिनो निर्वचनीयमेकम् यं ब्रह्म शब्देन विनिर्दिशन्ति॥
शैवायमीशं शिव इत्यवोचन् यं वैष्णवा विष्णुरिति स्तुवन्ति।
बुद्धस्तथार्हन् इति बौद्ध जैनाः सत् श्री अकालेति च सिख्ख सन्तः॥
शास्तेति केचित् कतिचित् कुमारः स्वामीति मातेति पितेति भक्त्या।
यं प्रार्थन्यन्ते जगदीशितारम् स एक एव प्रभुरद्वितीयः॥

Sunday, 28 January 2018

ध्वजारोपणम् मन्त्र dhwajaropnam mantra

ध्वजारोपणम् मन्त्र
॥ ओम् नमोस्तुते ध्वजाय सकल भुवन जनहिताय विभव सहित विमल चरित बोधकाय मंगलाय ते
सततम् ॥

हिन्दुभुमि गान से गुजँता रहे गगन Hindu Bhumi Gan se gunj ta rahe gaggan


हिन्दुभुमि गान से गुजँता रहे गगन
स्नेह नीर से सदा फुलते रहे सुमन ॥।धृ।
जन्मसिद्ध भावना स्वधर्म क बिचार हो
रोम रोम मे रमा स्वधर्म संस्कार हो
आरती उतारते प्राणदीप हो मगन,
स्नेह नीर से सदा फुलते रहे सुमन ॥१॥
हार के सुसुत्र मे मोतियोंकी पंक्तियाँ
नगर नगर ग्राम से संग्रहित शक्तीयाँ
लक्ष लक्ष रुपसे हिन्दु हो बिराट तन
स्नेह नीर से सदा फुलते रहे सुमन ॥२॥
ऎक्य शक्ति हिन्दु की प्रगति मे समर्थ हो
धर्म आसरा लिये मोक्ष काम अर्थ हो
पूण्यभुमी आज फिर ज्ञान का बने सदन
स्नेह नीर से सदा फुलते रहे सुमन ॥३॥


भारती मां के उपासक मात्रृ मंदिर के पुजारी Bharti maa ke upasak matru mandir ke pujari


भारती मां के उपासक
मात्रृ मंदिर के पुजारी
कर रहे मां को समर्पित
संगठन की शक्ति सारी ||
1.  राष्ट्र अपना घिर रहा है 
संकटों के बादलों से
युद्धरत  आतंकवादी
देश के रक्षा बलाे से
संघटित समर्थ बल  से 
चोट दे अरी को करारी
चोट दे अरी  को करारी ||
भारती मां के उपासक
मातृ मंदिर के पुजारी
कर रहे मां को समर्पित
संगठन की शक्ति सारी
2.   शील है  संबल हमार
इसलिए दुर्जेय हैं हम
शाेर्यमय गाथा हमारी
ज्ञान गीता श्रेय हैं हम
प्राण की बाती जलाकर
आरती मां की उतरी
आरती मां की उतारी ||
भारती मां के उपासक
मातृ मंदिर के पुजारी
कर रहे मां को समर्पित
संगठन की शक्ति सारी
3.    भरत भू के पुत्र सारे
जाति बंधन मुक्त होकर
जीत ले विश्वास सबका
स्नेह श्रद्धा युक्त होकर
बुद्ध नानक जैन वैदिक
प्रकृति पूजक धरमधारी ||
भारती मां के उपासक
मातृ मंदिर के पुजारी
कर रहे मां को समर्पित
संगठन की शक्ति सारी